Nidhi Saxena

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काश मैं भाई होती



मां को अपनी मां का सुख मिलता है, अगर मैं अपनी मां का बड़ा बेटा होता हूं।
नहीं मेरी मिलते मां को लड़की होने के ताने अगर मैं लड़का होता।
सब करते खूब दुलार अगर मैं लड़का होता ।
मुझे आज़ादी मिलती है कुछ भी करने की अगर मैं लड़का होती ।
करती अपनी मनमानी अगर मैं लड़का होती।
यूं ना अपनी मां पर पापा को उठाता हूं अगर मैं लड़का होता हूं।
हो रही सुसराल में अपनी बेटियों पर अत्याचार को मैं न होने देता हूं अगर मैं लड़का होता।
अगर मैं लड़का होता हूं तो जल्दी करो ना मेरी शादी।

क्यों होता है इतना फर्क लड़के लड़की में ।
ये बात कोई नहीं आज तक सुधार पाया है।

     नीर(नामधन सक्सैना)

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3 Comments

Sachin dev

16-Dec-2022 06:38 PM

Superb

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Muskan khan

16-Dec-2022 04:42 PM

Amazing

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Abhinav ji

16-Dec-2022 08:28 AM

Very nice👍

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